नींबू बिजौरा के फायदे और उपयोग
नींबू बिजौरा पौष्टिक तो होती ही है साथ ही इसके औषधिपरक गुण इलाज के कितने काम आता है इसके बारे में जानने के लिए आगे चलते हैं-
पित्त के कारण हुए सिरदर्द से दिलाये आराम नींबू बिजौरा
शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ जाने के कारण जो सिर में दर्द होता है उससे राहत दिलाने के लिए बिजौरा नींबू की केसर को पीसकर, पेस्ट बनाकर सिर पर लेप करने से पित्तज-शिरोरोग से आराम मिलता है। इसके अलावा 1-2 ग्राम बिजौरा नींबू जड़ की छाल चूर्ण में घी मिलाकर सेवन करने से सिरदर्द कम होता है।
कान दर्द के कष्ट को कम करे नींबू बिजौरा
कान में दर्द होने पर 1-2 बूँद बीजपूर फल-के रस को कान में डालने से कान के दर्द से आराम मिलता है। इसके अलावा 65 मिग्रा सज्जीक्षार को 30-40 मिली बिजौरा नींबू के रस में मिलाकर, छानकर कान में डालने से कर्ण बहना, कान में दर्द तथा कान में जलन से आराम मिलता है। 50 मिली नींबू रस में 50 मिली तेल को डालकर, पकाकर, छानकर 1-2 बूँद कान में डालने से कर्ण दर्द से आराम मिलता है।
दांत में कीड़ा होने के कारण हुए दर्द को कम करने में फायदेमंद नींबू बिजौरा
बिजौरा नींबू जड़ की पेस्ट की बत्ती बनाकर इस वर्त्ति को दांत पर रखकर चबाने से दांत में कीड़ा होने के कारण जो दर्द होता है उससे जल्दी आराम मिलता है।
सांस की बदबू से दिलाये राहत नींबू बिजौरा
फल के छिलकों को चबाने से सांस या मुँह की बदबू से जल्दी राहत मिलती है। इसके लिए नींबू बिजौरा का औषधीय गुण बहुत लाभप्रद होता है।
मुँह के रोगों से दिलाये राहत नींबू बिजौरा
बिजौरा के फूल के केशर के साथ सेंधानमक तथा काली मरिच का चूर्ण मिलाकर गोली बनाकर चूसने से मुखशोष, मुख की जड़ता आदि मुख संबंधी रोगों से आराम मिलता है।
-इसके अलावा कंठ का स्वर बेहतर करने के लिए चमेली के पत्ते, इलायची, शहद, बिजौरा नींबू के पत्ते, धान की खील तथा पीपल इन औषधियों से बने अवलेह को 5-10 मिली मात्रा में सेवन करने से गले की आवाज बेहतर होती है।
खांसी से दिलाये आराम नींबू बिजौरा
5-10 मिली बिजौरा फल के रस में काला नमक तथा शहद मिलाकर पीने से हिक्का तथा खांसी में लाभ होता है।
उल्टी से दिलाये राहत नींबू बिजौरा
खाना में बदहजमी होने पर उल्टी से परेशान रहते हैं तो नींबू बिजौरा का सेवन इस तरह से करने पर जल्दी आराम मिलता है-
–बिजौरा नींबू की 10-20 ग्राम जड़ को 200 मिली पानी में उबालकर चतुर्थांश शेष का काढ़ा बनाकर पिलाने से छर्दि या उल्टी से राहत मिलती है।
-भोजन करने के बाद अगर उल्टी आती है तो शाम के समय बिजौरा नींबू का ताजा रस 5-10 मिली मात्रा में पिलाना चाहिए।
-10-20 मिली बिजौरा फल के रस में शर्करा, शहद तथा पिप्पली चूर्ण मिलाकर पीने से छर्दि या उल्टी से राहत मिलती है।
पेट की कृमि के इलाज में लाभकारी नींबू बिजौरा
पेट की कृमि को निकालने में नींबू बिजौरा का औषधीकारक गुण बहुत काम करता है।
-5-10 ग्राम बिजौरा नींबू बीज चूर्ण को गर्म जल के साथ देने से पेट की कृमि से मुक्ति मिलने में आसानी होती है। होता है।
-फल के छिलकों का काढ़ा बनाकर पिलाने से पेट की कृमियों के कष्ट से आराम मिलता है।
दस्त से खून आने से रोकने में करे मदद नींबू बिजौरा
बिजौरा नींबू की जड़ की छाल तथा फूलों को चावल के धोवन के साथ पीसकर थोड़ा जल तथा शहद मिलाकर सेवन करने से रक्तातिसार तथा रक्तार्श में लाभ होता है।
पित्तज विकार में फायदेमंद नींबू बिजौरा
10-20 मिली बिजौरा नींबू रस में समान मात्रा में शहद मिलाकर और इसमें जल मिलाकर शर्बत बना लें, इस शर्बत में 500 मिग्रा सोंठ, 500 मिग्रा मरिच तथा 500 मिग्रा पिप्पली चूर्ण मिलाकर पिलाने से जलन, उल्टी आदि पित्तज विकारों से आराम दिलाता है।
ट्यूमर और पीलिया रोगों के इलाज में फायदेमंद नींबू बिजौरा
हींग, अनारदाना, विड्लवण तथा सेंधानमक के चूर्ण में 4 गुना बिजौरा फल का रस मिलाकर पीने से वातज-गुल्म (ट्यूमर) में लाभ होता है।
मूत्र संबंधी बीमारियों में फायदेमंद नींबू बिजौरा
नींबू बिजौरा जड़ की छाल मूत्र संबंधी रोगों के इलाज में बहुत फायदेमंद होता है। जड़ की छाल के 2-5 ग्राम चूर्ण का सेवन सुबह शाम जल के साथ करने से मूत्र-विकारों से आराम मिलता है।
किडनी रोगों के इलाज में लाभकारी नींबू बिजौरा
10-15 मिली बिजौरा फल के रस में 65 मिग्रा यवक्षार (saltpeter) तथा शहद मिलाकर सेवन करने से किडनी में दर्द आदि किडनी संबंधी बीमारियों में होता है।
अश्मरी या पथरी के इलाज में फायदेमंद नींबू बिजौरा
10-15 मिली बिजौरा फल के रस में सेंधानमक मिलाकर सेवन करने से अश्मरी या पथरी टूट-टूट कर निकल जाती है।
खुजली के परेशानी को करे दूर नींबू बिजौरी
खुजली के परेशानी को दूर करने में गन्धक का औषधीय गुण बहुत फायदेमंद होता है। बिजौरा नींबू फल के रस में मिलाकर लगाने से खुजली में आराम मिलता है। नींबू के बीजों को पीसकर लेप करने से सूजन तथा चर्म रोगों में भी लाभ होता है।
अपस्मार या मिर्गी के इलाज में फायदेमंद नींबू बिजौरी
बिजौरा फल के रस में नीम पत्ते का रस तथा निर्गुण्डी पत्ते के रस में मिलाकर 3 दिन तक नाक से देने से अपस्मार या मिर्गी में लाभ होता है।
रक्तपित्त में फायदेमंद नींबू बिजौरी
बिजौरा नींबू जड़ के चूर्ण और फूल के चूर्ण को बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर 1-2 ग्राम चूर्ण को चावल की मांड के साथ सेवन करने से रक्तपित्त में लाभ होता है।
बुखार के इलाज में लाभकारी नींबू बिजौरी
नींबू बिजौरी का औषधिपरक गुण बुखार के इलाज में बहुत लाभकारी होता है-
-फल रस में थोड़ा कुनैन बुरक कर सुबह, दोपहर तथा शाम पिलाने से पित्तज्वर और नियत-कालिक-ज्वर का आराम होता है। पत्तों का काढ़ा भी लाभकारी होता है।
-10-20 मिली बिजौरा जड़ छाल के काढ़े को दिन में तीन बार पिलाने से बुखार में आराम मिलता है।
-नींबू की कली, मधु तथा सेंधानमक को एक साथ पीसकर तालु पर लेप करने से पित्तज्वरजन्य तृष्णा का शमन होता है।
-बिजौरा नींबू के पत्तों का काढ़ा बनाकर 15-20 मिली मात्रा में पिलाने से ज्वर से आराम मिलता है।
दर्द से दिलाये आराम नींबू बिजौरी
नींबू बिजौरी किसी भी प्रकार के दर्द से राहत दिलाने में बहुत फायदेमंद होते हैं-
-1-2 ग्राम मूल चूर्ण को घी के साथ मिश्रित कर सेवन कराने से दर्द से आराम मिलता है।
-5-10 मिली जड़ के रस में 65 मिग्रा यवक्षार मिलाकर सेवन करने से कुक्षिशूल (stigma) तथा कमर दर्द से आराम मिलता है।
-इसके पत्तों को गर्मकर पीड़ा युक्त स्थानों पर बाँधने से लाभ होता है।
सूजन के इलाज में फायदेमंद नींबू बिजौरी
अगर कोई घरेलू उपचार काम नहीं कर रहा है तो नींबू बिजौरी का इस तरह से उपयोग करने पर जल्दी आराम मिलेगा-
-बिजौरा मूल के साथ अरनी मूल, देवदारु, सोंठ, कटेरी और रास्ना समभाग मिलाकर पीसकर लेप करने से घाव तथा वातज सूजन को कम करने में लाभकारी होता है।
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